Source: ਰਾਮਦਾਸ

रामदास

किरपा करके पहिलां इह वेखो गुरमति विच राम ἓ Basics of Gurbani

धंनु धंनु रामदास गुरू
जिनि सिरिआ तिनै सवारिआ ॥
पूरी होई करामाति
आपि सिरजणहारै धारिआ ॥
सिखी अतै संगती
पारब्रहमु करि नमसकारिआ ॥
अटलु अथाहु अतोलु तू
तेरा अंतु न पारावारिआ ॥
जिनी तूं सेविआ भाउ करि
से तुधु पारि उतारिआ ॥
लबु लोभु कामु क्रोधु मोहु
मारि कढे तुधु सपरवारिआ ॥
धंनु सु तेरा थानु है ।
सचु तेरा पैसकारिआ ॥
नानकु तू लहणा तूहै
गुरु अमरु तू वीचारिआ ॥
गुरु डिठा तां मनु साधारिआ ॥७॥

रामदास दी विआखिआ की इह निचला स़बद है

जिस कै मनि पारब्रहम का निवासु ॥
तिस का नामु सति रामदासु ॥
आतम रामु तिसु नदरी आइआ ॥
दास दसंतण भाइ तिनि पाइआ ॥
सदा निकटि निकटि हरि जानु ॥
सो दासु दरगह परवानु ॥
अपुने दास कउ आपि किरपा करै ॥
तिसु दास कउ सभ सोझी परै ॥
सगल संगि आतम उदासु ॥
ऐसी जुगति नानक रामदासु ॥६॥

राम दा दास उह मन जिसनूं राम दे हरि तो टुटण दा पता लग गिआ ते ॳसनूं आतम राम दा दरस़न हो गिआ

राम दे दास ही बणना है. अज दास कहाउंदा है पर सलाम जवाब दोवे करे वाला कंम वी नाल ही करदा है, इसे लई मुढों घुथा जांदा.

महला २ ॥
सलामु जबाबु दोवै करे मुंढहु घुथा जाइ ॥
नानक दोवै कूड़ीआ थाइ न काई पाइ ॥२॥


Source: ਰਾਮਦਾਸ