Source: ਗੁਰ ਨਾਨਕ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਰਚੀਆਂ ਪਰਮੁੱਖ ਬਾਣੀਆਂ ਦੇ ਸਿਰਲੇਖ
गुर नानक जी दुआरा रचीआं परमुख बाणीआं दे सिरलेख
जपुजी = मूलमंत्र-1, पउड़ीआं-38, शलोक-2 = 41
- सिरी राग2 = चउपदे-33, अशटपदीआं-18, पहरे-2, सलोक-7 (वार म.४ विच) = 60
- माझ राग = अशटपदी-1, पउड़ीआं -27, सलोक-46 (वार म.१ विच) = 74
- गउड़ी राग = चउपदे-20, अशटपदीआं-18, छंत-2 = 40
- आसा राग = चउपदे-39, अशटपदीआं-22, पदे-35 ( पटी विच), छंत-5, पउड़ीआं-24, शलोक-44 (वार म.१ विच) = 169
- गूजरी राग = चउपदे-2, अशटपदीआं-5 = 7
- बिहागड़ा राग = शलोक-2 (वार5 म.४ विच) = 2
- वडहंस राग = चउपदे-3, छंत-2, अलाहणीआं-5, शलोक-3 (वार म. ४ विच) = 13
बाणीवार कुल जोड़ = मूलमंत्र-1, चउपदे-206, अशटपदीआं-121, छंत-24, पउड़ीआं-116, शलोक-260, पहरे-2, अलाहणीआं-5, कुचजी -सुचजी-2, सोलहे-22, पदे-199 = 958
सुतंतर बाणीआं: जपु, पहरे, वार माझ, पटी, वार आसा, अलाहणीआं, कुचजी-सुचजी, थिती, ओअंकार, सिध-गोसटि, बारहमाहा, वार मलार ।
जिवें
गउड़ी पूरबी
गउड़ी दखणी
ओवें ही
ओअंकारु दखणी
गौड़ = पूरन ब्रहम
Source: ਗੁਰ ਨਾਨਕ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਰਚੀਆਂ ਪਰਮੁੱਖ ਬਾਣੀਆਂ ਦੇ ਸਿਰਲੇਖ