Source: ਪਾਇ ਕੁਹਾੜਾ ਮਾਰਿਆ ਗਾਫਲਿ ਅਪੁਨੈ ਹਾਥਿ
नुकते के हेर-फेर से खुद से जुदा हूआ | नीचे से ऊपर कर दीआ, खुद ही खुदा हुआ ।
~ पाइ कुहाड़ा मारिआ गाफलि अपुनै हाथि ॥ (आदि ग्रंथ, कबीर, पंना १३६५)
कबीर मनु जानै सभ बात जानत ही अउगुन करै ॥ (आदि ग्रंथ, कबीर जी, पंना १३७६)
नानक अलखु न लखीऐ गुरमुखि देदि दिखालि ॥ (आदि ग्रंथ, फरीद, पंना १३८४)
नरपति एकु सिंघासनि सोइआ सुपनै भइआ भिखारी ॥ (आदि ग्रंथ, रविदास जी, पंना ६५७)
जाग लेहु रे मना जाग लेहु कहा गाफल सोइआ ॥ जो तनु उपजिआ संग ही सो भी संगि न होइआ ॥ (आदि ग्रंथ, म. ९, पंना ७२६)
मंने की गति कही न जाइ ॥ (आदि ग्रंथ, म. १, पंना ३)
मूरख पंडित हिकमति हुजति संजै करहि पिआर ॥ (आदि ग्रंथ, म. १, पंना ४६९)
कबीर जा कउ खोजते पाइउ सोई ठउरु ॥ सोई फिरि कै तू भइआ जा कउ कहता अउरु ॥ (आदि ग्रंथ, कबीर, पंना १३६९)