Source: ਓਅੰ ਗੁਰਮੁਖਿ ਕੀਓ ਅਕਾਰਾ ॥
ॳअं गुरमुखि कीॳ अकारा ॥ पंना २५०
ॳअंकार लखै जउ कोई ॥ पंना ३४०
ॳअं + अकार = ॳअंकार
निरंकार ॳअंकार आपि निरगुन सरगुन एक ॥ पंना २५०
ॳअं = निरगुन
ॳअंकार = सरगुन
ॳअंकार आदि मै जाना ॥ पंना ३४०
ॳअंकार स्रीस़टी दा आदि है ।
ॳअं, ॳअंकार दा आदि है ।
गुरबाणी अंदर ॳअंकार स़बद दी वरतों सभ तों पहिलां भगत कबीर दुआरा होई है ।
Source: ਓਅੰ ਗੁਰਮੁਖਿ ਕੀਓ ਅਕਾਰਾ ॥