Source: ਮੰਨੈ ਮਗੁਨ ਚਲੈ ਪੰਥੁ

मंनै मगुन चलै पंथु

पदछेद करदिआं बाणी दा अनरथ ता नहीं कीता गिआ?

मंनै मगु न चलै पंथु ।।
पउड़ी 14 पंना 3
(मनमुखि अकल) अरथ बणदा मनण तो बाद पंथ मारग ते नहीं चलेगा । मगु अरथ है रसता ते मंनै दा अरथ है मनण दे बाद या मनण ते। जे बाणी पणीए सही पदछेद होणा चाहीदा के

मंनै मगुन चलै पंथु ।।
(गुरमुखि अकल)
अरथ – मंनण ते पंथ हुकम विच मगन चलेगा । चले या चलै नाल मारगि पंथि चाहीदा ना के मगु पंथु ताहीं मगुन पंथु सही है जी।

तीरथ उदमु सतिगुरू कीआ सभ लोक उधरण अरथा ॥
मारगि पंथि चले गुर सतिगुर संगि सिखा ॥२॥


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